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|| रात में तेल लगाने की विधि ||

दर्द का तेल लगाने की विधि: अगर आपको रीढ़ की हड्डी में दर्द हो तो सिर्फ रीढ़ की हड्डी में ही लगाएं और जगह नहीं। सबसे पहले अगर गर्दन में दर्द, कंधे में दर्द सर्वाइकल हो तो गर्दन से तेल नीचे की तरफ लगाना शुरू करें फिर कंधे पर नीचे की तरफ, फिर कमर के बीच से रीढ़ की हड्डी तक लगते हुए रीढ़ की हड्डी के सेंटर वाले भाग को अंगूठे से नीचे को दबाएं, दो या तीन बार, फिर दोनों हिप पर लगाएं, फिर पिंडलियों पर, फिर एड़ी और पंजो में अगर दर्द है तो नीचे को लगाएं परंतु यह क्रिया दर्द वाले भाग पर करनी है। अगर आपको सिर्फ गर्दन में ही दर्द है तो सिर्फ गर्दन पर ही लगाएं। काफी जगह नहीं। जहाँ दर्द हो वही लगाएं ।

तेल बनाने की विधि: 500 ग्राम तिल का तेल लें और उसको एक कटोरे या एक बड़े डोंगें में डालके 5 मिनट लंबी बत्ती डाल कर उस तेल की ज्योति जला लें। 5 मिनट बाद उस बत्ती को चिमटी से पकड़ कर दूसरे बर्तन में रख दें। उस तेल को आप बाबा के तेल में मिला लें और सोते समय दर्द वाले भाग पर लगाएं। अगर आपको ज़ुखाम व अस्थमा है तो आप इस बूटी को शहद के साथ ले सकते हैं।

बनाने की विधि: आधा चम्मच बूटी, चुटकी भर नमक, चुटकी भर काली मिर्च पिसी, 50 ग्राम शहद। इन सभी को मिला कर शीशी में भर कर रख लें।