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|| खिलाने की विधि ||

श्याम बाबा की बूटी , योग वह घी ज्योति का इतिहास

एक बार की बात हैं श्याम बाबा ने एक व्यक्ति पर अपनी दया बरसाते हुए उसको निरोगी रहने के उपाय बताये। वह एक साधारण व्यक्ति था। उसको कोई जानता नही था। उस व्यक्ति को जब श्याम बाबा ने उपाय बताया तो वह भक्त बाबा से बोला बाबा मुझे तो कोई जानता नही है। तो मेरे पास कोई कैसे आयेगा। अगर आ भी गया तो कैसे भरोसा करेगा की मैं सत्य बोल रहा हूँ बाबा बोले ये सब मुझ पर छोड़ दो और जो मैं बोलता हु वो करो। तुम मुझे श्रृंगार के फूलो व तुलसी दल से एक बूटी बनाओ जैसे में बताऊं और एक मिनट का मेरे नाम का श्याम योग करना । और मेरी जोय्ति के घी को दर्द वाले भाग पर लगाना जैसे मैं बताऊ और परहजे बताओ जो में बताऊं। बाबा द्वारा उस व्यक्ति को सब कुछ समझाना। जब उस भक्त को श्याम बाबा ने सब कुछ ठीक ठीक बता दिया तो वह भक्त बोला बाबा मेरे पास आपके भक्त कैसे ये सब लेने आएंगे । बाबा बोले मैं अपने आप रोगी व्यक्ति को भेजूंगा और खुद ठीक करूँगा क्योंकि सब कुछ मैंने ही करना हैं। कवेल भक्त तू तो मेरे मार्ग पर चल और ये प्रसाद बाँट। उस व्यक्ति ने फिर बाबा के कहे अनुसार काम किया। बाबा ने भक्तों को भेजना शुरू किया और भक्त ने भक्तों को बूटी , घी , योग बताना शुरू कर दिया। बाबा की कृपा से घी, बूटी ,योग से भक्त के रोग दूर हो जाते हैं । बाबा हर रोग के भक्त भेजता और बाबा की बूटी, घी , योग और परहेज से वो भक्त बहुत जल्द ठीक हो जाता। बाबा पर भक्तों को भरोसा बढ़ना शुरु हो गया। आज बाबा की कृपा से बाबा ने अनेक भक्तों को रोग से मुक्त करवाया। बाबा यह प्रसाद विश्व के सब भक्तों तक पहुँचाओ हमारी आपसे यही प्रार्थना है।

आपकी दासी -सावित्री संतोष
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अधीक जानकारी के लिए संपर्क करे –9312207996 घी ,बूटी, योग का समय 11 बजे से 4 बजे तक सोमवार से शुक्रवार


श्याम बाबा ने अपने श्रृंगार के फूलो से एक रोग निवारक बूटी बनायीं हैं , जो बूटी मनुष्य से नहीं बनाई जा सकती, क्योंकि जब तक प्रभु का श्रृंगार नहीं होंगा तब तक बूटी नही बनाई जा सकती। श्याम बाबा ने भक्तों से कहाँ हैं, हे भक्त मेरे श्रृंगार से बूटी बना और खुद को निरोगी कर या फिर किसी भी शक्ति के फूलो से आप इसे बना सकते हैं क्योंकि सर्वशक्ति एक प्रभु ही हैं, या वो गुरु नानक हो या अल्लाह हो या फिर ईसा - मसीह या सर्व धर्म , सर्वशक्ति एक ही है , आप अपने धर्म स्थान पर जाते हैं , वहाँ पर हर प्रभु के मंदिर , मस्जिद , गुरुदवारा, चर्च होते हैं , उन सबको फूल जरूर चढ़ाये जाते हैं

मंदिर में हर देवता पर फूल चढ़ाये जाते हैं ,गुरुदवारे में गुरुवाणी पर फूल चढ़ाये जाते हैं , चर्च में में फूल चढ़ाये जाते है , पीर पर भी फूल चढ़ाये जाते हैं।

जिस शक्ति को हम मानते हैं वह शक्ति भी सर्वशक्ति को मानती हैं और फिर भी वह शक्ति सर्वशक्ति से कहती है हे प्रभु मेरे भक्त की रक्षा करना। सभी भक्तों को जानकार यह हर्ष होगा की श्याम बाबा ने भक्तों को रोग से दूर करने के लिए अपने श्रृंगार से बूटी बनाई हैं. जिसका सेवन प्रातः काल में बिना कुछ खाये पीये किया जाता हैं। आप प्रातः काल में उठे और सबसे पहले सादे जल में गंगा जल थोड़ा से मिला कर बूटी की चुटकी लेकर गंगा जल में मिलाये और खाली पेट खाये। आप देखेगे की आपके शरीर में धीरे धीरे शक्ति पैदा होने लगी हैं और आप निरोगी रहने लगे हैं। दूसरा खुद श्याम बाबा ने अपने ज्योति रूप घी व तेल से एक प्रकार का इतर रुपी तेल बनाया हैं। जिसको दर्द वाले भाग पर लगाने से दर्द खुद ठीक होजाता हैं। जो भक्त कहते हैं हमे दर्द रहता हैं और हम बिना दवाई खाये रात को सो नही सकते। वह भक्त देखेगे की बाबा का इतर वाला तेल लगाने से उनका दर्द ठीक होने लगा और रात को नींद भी आने लगेगी। आपका कैसे भी रोग या दर्द हो। अपने आप ठीक हो जायेगा। चर्म रोग कैसा भी हो ठीक हो जायेगा।

दो परहेज करने है इसे पहले अपने ये परहेज नहीं सुने होंगे न देखे होंगे।

1. आम का तेल वाला आचार नहीं खाना है बाकी आम और उसके सारे व्यंजन खाने हैं । वे बाकी सारे आचार खा सकते है जैसे - मिर्च , नींबू, हींग आदि।

2. पानी का गोलगप्पा पानी भर कर नही खाना चाहिए बाकी सारी चाट खा सकते हैं। कोई तेल घी का परहेज नही हैं।
आपको खाना हैं उसमे इन दो चीजो को छोड़कर आप सब कुछ खा सकते हैं। चाहे आप मासांहारी ही क्यों नही हैं आप अपना मासांहारी भोजन खा सकते हैं। पर बाबा के दो परहेज करने होंगे।

खाने की विधि - सुबह उठ कर सबसे पहले खाली पेट बूटी को चाट ले ऊपर से गर्म पानी में गंगा जल मिलकर आधी कटोरी पी ले। बाबा के श्रृंगार से बनी बूटी सारे रोगों की एक दवाई हैं। जोत से बने घी को शरीर पर रोग वाली जगह पर लगाए। बाबा की बूटी खाने से शरीर में कमजोरी भी दूर हो जाती हैं.

भक्तों जब आप हर प्रकार का उपाय कर कर हार जाए तो आप श्याम बाबा का बताया हुआ उपचार जरूर करे। आपको अवश्य ही लाभ होगा जैसे-

1. अगर आपको बच्चा होने में किसी प्रकार की दिक्कत हैं

2. व्यपार या नौकरी में लाभ नही हैं।

3. पितृ दोष हों।

4. दवाई का असर नही हो रहा हो किसी कारणवश।

5. बार बार बीमार होना।

6. ग्रहो का दोष

7. नजर में आ जाना

8. वास्तु का दोष होना

9. मानसिक तनाव (डिप्रेसन) होना

10. पढ़ाई या दूसरे कामो में मेहनत का फल ना मिलना

11. नवजात शिशु या एक साल के बच्चे को निमोनिया (pneumonia) न हो उसके लिए केले के सेवन का परहेज केवल एक साल की उम्र तक।

कालसर्प योग का उपाय - अगर किसी भक्त पर कालसर्प चल रहा हैं। तो भक्तों आप बिलकुल न घबराये न डरे। भक्तों आपको खुद अहसास होगा की श्याम का बताया हुआ उपाय आपको कितना फायदे होंगे। भक्तों आपको कुछ ज्यादा नही करना हैं। सिर्फ 6 महीने तक शिव पर जल चढ़ाना हैं. ये जल आप मंदिर में भी चढ़ा सकते है और घर पर सफ़ेद रंग का शिव ला कर उसको एक प्लेट या कटोरी में रख कर उसमे जल में गंगा जल मिला कर चढ़ाये। आप देखेगे की आपका कालसर्प योग दूर हो रहा हैं। आप खुद सुख की भागीदारी होंगे। जल रोज चढ़ाना हैं 40 दिन नियम से शिव पर जल चढ़ाने से कालसर्प दोष खत्म होता हैं।